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19 अगस्त 2023

2 बेहतरीन मानसिक बदलाव जो सफल लोग करते हैं

इस Article मे हमने पढ़ा कि वो कौन से 2 मानसिक बदलाव हैं जो हमारी सफ़लता के लिए बहुत ज़रूरी हैं। पहला बदलाव है कि हमें अपने काम का खुद ज़िम्मेदार बनना होगा, हम अपनी गलतियों को किसी और पर नहीं डाल सकते। दूसरा बदलाव है कि हमें 10x सोचने के लिए एक Team बनानी पड़ेगी जिसमे हम खुद एक leader बन कर अपने टीम Members को Guide व Motivate कर सकें।

“जब आप चीजों को देखने का तरीका बदलते हैं, तो आपके द्वारा देखी जाने वाली चीजें भी बदल जाती हैं।" – Max Planck, German Quantum Theorist And Nobel Prize Winner

सफल लोगों के जीवन में दो तरह के मानसिक बदलाव (Mental Shifts) होते हैं। बहुत सारे लोग पहला बदलाव या परिवर्तन कर लेते हैं लेकिन दूसरा बदलाव बहुत कम लोग ही कर पाते हैं।

इन बदलावों को समझने के लिए आपको अपनी Conventional (पारंपरिक) सोच को बदलना होगा और साथ ही आपके बचपन से ले कर जवानी तक सिखाई गई Negative और गलत शिक्षा को भूलना पड़ेगा।

पहला बदलाव आपकी Choice और ज़िम्मेदारी की शक्ति पर आधारित है। एक बार जब आप यह बदलाव कर लेंगे तब आप खुद को समय की कमी, पैसों की तंगी, और ख़राब Relationship से निकालने में सफल रहेंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो पहला बदलाव आपको एक खुशहाल और सफल जिंदगी देने में मदद करेगा, जहां आप Control कर सकेंगे कि कहाँ, कब और कितना पैसा Invest करना है।

लेकिन कई बार, पहले परिवर्तन के परिणाम Satisfying भी हो सकते हैं या फिर वे आपको दुःख भी पहुँचा सकते हैं। इसी वजह से दूसरे परिवर्तन की ओर कम ही लोग बढ़ पाते हैं। इसीलिए Greg Mckeown, जो एक सफल Author हैं, अपनी किताब Essentialism में लिखते हैं कि "सफलता आपके Failure Rate को बढ़ा सकती है।”

उदाहरण - एक Musician जब शुरुआत करता है तो वह खुश रहने के लिए बहुत सारे गाने लिखता है। उसके सपने बड़े होते हैं। एक बार जब वह सफल हो जाता है, तो फिर वह कम Songs Produce करने लगता है। 

यह इन दो कारणों में से किसी भी वजह से हो सकता हैं : 

  1. उसका Focus इस बात से हट जाता है कि वो क्यों लिख रहा है और इस बात पर चला जाता है कि उसके Songs से उसे क्या फायदा हो रहा है, अर्थात उसका ध्यान संगीत से हटकर उसने उससे क्या हासिल किया, उस पर Shift हो जाता है। At The End, या तो वो अपने Result से खुश होता है या अब उसमें और ज़्यादा लिखने की इच्छा नहीं होती है। या फिर वह और ज्यादा लिखने की इच्छा तो रखता है लेकिन अब उसमें पहले जैसा जज़्बा ख़त्म हो जाता है, और इसीलिए अब वो पहले जैसा बेहतरीन Quality का Music नहीं बना पता।
  2. अब वो Perfectionist लेकिन लाचार (Paralyzed) बन जाता है। उसे अपना Best न देने का ड़र लगा रहता है। Elizabeth Gilbert ने अपने एक Ted Talk में बहुत खूबसूरती से अपने Paralysis को बयान किया। उनकी Album Eat, Pray, Love के सफल हो जाने के बाद Elizabeth Gilbert उस जैसा दूसरा Song फिर नहीं लिख पाईl यह Paralysis ही वो जगह है जहां बहुत सारे लोग आकर फंस जाते हैं।

हालाँकि, Gilbert दूसरों से अलग है, क्योंकि जैसा कि वह अपनी Ted Talk में बताती हैं, वह अपनी सफलता के बावजूद आगे बढ़ती रहीं। ऐसा करने के लिए, उसने खुद को कई बार असफल होने के लिए मजबूर किया –  बस इस Paralysis को अपने System से बाहर निकालने के लिए। एक बार जब उसने ऐसा कर लिया, तो उसका ड़र खत्म हो गया और वह अपना Career जारी रखने में सफल रही।

दूसरे बदलाव का आधार है फ्री होकर सोचना जिसमे आप अपनी सोच को बहुत आगे तक ले जाते हैं। इसीलिए, दूसरा बदलाव 10 गुना सोच के साथ शुरु होता है जिसमे आपको अपनी एक Team या Network बनाना होता है जो आपके Ideas को Reality में बदल सके।

इस Article में मैं बताऊंगा कि पहले और दूसरे बदलाव का अनुभव कैसा होता है।

आइए शुरू करें:

पहला बदलाव : Choose करने की शक्ति (The Power Of Choice)

पहले बदलाव को Experience करने के बाद जो आपकी मानसिकता होती है, उसके निम्नलिखित Core Components होते हैं: आप जिम्मेदार हैं (You are Responsible)

“अगर ऐसा होना है तो इसकी जिम्मेदारी मेरी है” - William H. Johnsen, एक Famous American Painter

पहला बदलाव करने के लिए आपको अपने बाहरी चीज़ों को Control करने के बजाय अपने अंदर की चीज़ों को Control करना होगा। इसे Scientific Way में कहें तो - आप बाहरी परिस्थितियों को कारण न बनाएं, बल्कि अपनी Life की ज़िम्मेदारियाँ खुद लें।

आप अपनी जिंदगी में जिस भी तरह से Respond करते हैं उसके लिए केवल आप ही ज़िम्मेदार हैं। अब आपको बहुत तेज़ी से React नहीं करना हैं। अब आपको अपनी गलतियों के लिए दूसरों को Blame नहीं करना है।

अब कोई 50/50 Business नहीं है, आप अपनी शादी के लिए खुद 100% ज़िम्मेदार हैं। सब कुछ आप पर निर्भर है। अगर यह असफल भी होती है तो भी आपकी गलती है। आपने खुद ये चुना था और अब नतीज़े आपके सामने हैं। हो सकता है कि इसमें दूसरे लोग भी शामिल हों लेकिन आप अपनी Choices के लिए उन्हें Blame नहीं कर सकते।

लेखक Jocko Wilink और Leif Babin ने अपनी किताब, Extreme Ownership: How U.S. Navy Seals Lead And Win में जिम्मेदारी के इस Level को एक बेहतरीन Leadership का आधार बताया है। इसलिए, कोई बुरी टीम नहीं होती है, सिर्फ बुरे Leaders होते हैं। Team द्वारा अंजाम दिए गए किसी भी Operation के किसी Negative Consequence की सारी ज़िम्मेदारी एक Leader की होती है। मगर किसी भी Positive Consequence का खिताब सिर्फ अकेले Leader को नहीं बल्कि पूरी टीम को दिया जाता है।

खुद नेतृत्व (Self-Leadership) के दौरान भी इसी तरह की Responsibility ज़रूरी होती है। अगर कुछ गलत होता है तो आप किसे (और किस लिए) Blame करेंगे। आप अपने Control से बाहर की चीज़ों से बंधे रहेंगे।

हर Choice की एक कीमत और परिणाम होता है

“Free - Will” जैसी कोई चीज़ Exist नहीं करती।

आप अपने मन मुताबिक किसी भी काम को “Freedom” के साथ तब तक नहीं कर सकते जब तक कि आप उस काम के परिणामों को Accept नहीं कर लेते।

जैसा Stephen R. Covey ने बताया : “हम अपने Actions पर Control कर सकते हैं, लेकिन उन Actions से होने वाले परिणामों पर Control सिर्फ अपने सिद्धांतो (Principles) द्वारा किया जाता है।”

Negative Consequence से बचने का एकमात्र तरीका यह है कि हम उन Principles को समझें जो स्वाभाविक परिणामों (Natural Consequences) को Control करते हैं। इसलिए, ज़्यादातर सफल लोग लगातार सीखते रहते हैं और देश-दुनिया को बेहतर समझने की कोशिश में लगे रहते हैं।

अगर आप अपने व्यवहार के परिणामों को नहीं समझते तो आप किसी भी काम को “Freedom” के साथ नहीं कर सकते। अज्ञानता (Ignorance) अच्छी नहीं है बल्कि Negative Consequences की ओर ले जाने वाली है जिसमे उन नतीजों का Source और कारण पता नहीं होते।

इस Ignorance को अपनी पीड़ित (Victim) Mentality के साथ जोड़ दें और आपके पास एक खतरनाक Drink तैयार हो जाएगी।

फिर भी, जब एक बार आप यह समझ जाते हैं कि हर Choice – चाहे छोटी ही क्यों न हो – एक परिणाम लाएगी, तो आप यह तय कर सकते हैं कि आप किस तरह के परिणाम चाहते हैं। हर Choice Free नहीं है। हर Choice का एक परिणाम है। इसलिए, हर Choice का एक अर्थ है।

हर Choice का अंतिम परिणाम (और कीमत) समय है। आप अपना समय वापस नहीं हासिल कर सकते। बेशक, आप एक नया Lesson सीख सकते हैं। आप अपनी पिछली गलतियों से सीख सकते हैं। आप समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। लेकिन इसकी हमेशा एक कीमत होती है। एक बार आपने यह Realize कर लिया तब आप किसी भी गैर जरूरी चीज़ में अपना टाइम Invest करने में और ज़्यादा Sensitive हो जाएंगे।

सफलता (और खुशी) एक Choice है

सफलता, स्वास्थ्य, और खुशी सभी परिणाम हैं। ये आपकी Choice के By-Products हैं।

ये प्रभाव (Effects) हैं, कारण नहीं।

आप प्रभावों को Control नहीं कर सकते; ये सिद्धांतों (Principles) से Control होते हैं। हालांकि, आप इन चीजों के कारणों पर Control कर सकते हैं, जो आपके व्यवहार हैं।

अगर नकारात्मक पर्यावरणीय कारक (Negative Environmental Factors) हैं तो इन्हें बदलिए।

हाल ही के एक Meta Analysis में सामने आया है कि अधिकांश लोग Confidence का गलत मतलब निकालते हैं। Confidence आपको High-Performance की ओर नहीं ले जाता है, बल्कि Confidence आपके पिछले Performances का ही By-Product होता है।

उदाहरण के लिए, अगर आप अपना दिन अच्छे से शुरू करते हैं, तो आपको दिन के बाकी समय में भी अच्छा Confidence रहेगा। अगर आप खराब तरीके से शुरू करते हैं, तो आपकी पिछली Perfomance से आपका Confidence कम हो जाएगा, और यह Subconsciously भी होगा।

इसे और अच्छे से समझिये : Confidence आपके पिछले Performance का Direct Reflection है। इसलिए कहते हैं कि बीता हुआ कल आज से ज्यादा महत्वपूर्ण है। अच्छी बात यह है कि आने वाला कल ही आज है। इसलिए, यदि आज आपका Confidence उतना High नहीं भी है, तो भी आपके आने वाले कल में यह आपके Control में होगा।

पहला मानसिक बदलाव हो जाने के बाद आप समझ जाते हैं कि आपकी Emotional State आपकी खुद की जिम्मेदारी है और आपकी Choices का परिणाम है। अगर आप Confident बनना चाहते हैं, तो वह आपके हाथ में है। अगर आप खुश रहना चाहते हैं, वह आपके हाथ में है। अगर आप सफल होना चाहते हैं, तो वह भी आपके हाथ में है।

गति (Momentum) जरूरी है

“जब आप Positive Momentum का एहसास करते हैं, आप चाहते हैं कि यह कभी रुके नहीं।“ – Dan Sulivan, Strategic Coach के Founder 

जिन लोगों ने यह पहला मानसिक बदलाव का एहसास किया है उन्हे इस चाल (Momentum) के बारे में वाकई में परवाह होती है। उन्होंने मेहनत करके अपनी गति (Momentum) को विकसित किया है और जानते हैं कि Momentum नहीं होने का अहसास कैसे होता है।

Momentum के बिना रहना कठिन होता है। यह वही तरीका है जिस पर अधिकांश लोग अपने जीवन को जीते हैं। और बिना Momentum के अक्सर कम ही सफल परिणाम आते हैं चाहें आप कितने ही Efforts कर लें।

Momentum विकसित करने के लिए निरंतरता (Consistency) बहुत ज़रूरी है। आप एक Single Vision या Goal के प्रति अपने Intentional Efforts के ज़रिये इसे हासिल करते हैं, और अंत में Compound Effect का प्रभाव होने लगता है। ऐसा लगता है कि बहुत सारे Outside Sources आपके अच्छे के लिए काम कर रहे हैं। क्योंकि, वास्तव में वे काम कर रहे हैं।

एक बार जब आपकी Momentum बन जाती, तो इसे बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए, आपके अंदर लगातार सीखने और आगे बढ़ने की भूख होनी चाहिए।

अधिकांश लोग पहले बदलाव में फंस जाते हैं

अगर आप अपनी Life And Choices की पूरी ज़िम्मेदारी लेते हैं तो आपकी सीखने की भावना खुद ब खुद विकसित हो जाएगी। आप उन Principles को समझकर Follow करेंगे जो खुद ब खुद आपको सफल बनने में मदद करेंगे।

हालांकि, इस पहले बदलाव से परे भी एक High Level होता है, और अधिकांश लोग वहां कभी नहीं पहुँचते।

लेखक Dave Logan, John King And Halee Fischer-Wright अपनी किताब “Tribal Leadership” में Different Cultures Of Organaization को Explain करते हैं।

ज़्यादातर Organizations “Stage 3” के Culture में काम करते हैं, जहाँ हर कोई “अपने लिए काम करता है”। इसलिए, Stage-3 Culture का Goal Collaboration की बजाय Competition होता है। हालांकि, यह Competition असल में उन लोगों के साथ होता है जो एक ही Organization में होते हैं।

हर कोई “High Position” हासिल करने की कोशिश कर रहा है। इस वजह से ही चापलूसी, चुगली, गोपनीयता, और अन्य Non Sense चीज़ें उस Organization में होती हैं।

इस Culture के लोग को Organization में कोई Intrest नहीं होता उन्हें केवल उन चीजों की परवाह होती है जो उन्हें Organization से मिल सकती है। वो केवल उन Relationships में आते हैं जिनसे उन्हें कोई Benefit हो। यह सब केवल उनके बारे में ही है। और इस कारण, उन्हें Suffer करना पड़ता है। वे अपनी Desire के आलावा अन्य कुछ सोच ही नहीं पाते और केवल उनकी Needs और Wishes के बारे में सोचते हैं। इसीलिए उनका Vision उनके लिए और दुनिया के लिए बहुत छोटा और Limited होता है।

जिन लोगों ने पहला बदलाव कर लिया है उन सफल लोगों के लिए प्रमुख रुकावटें कुछ इस प्रकार होती हैं:

• यह सब “उनके बारे में” होता है

• उनका Vision उनकी खुद की Needs और Goals से आगे नहीं जाती

• वे अपनी सफलता से संतुष्ट हो जाते हैं और इससे Distract हो जाते हैं

• वे उन चीज़ों को करना बंद कर देते हैं जिनसे उन्हें सफलता मिली (उदाहरण, वे सीखना और काम     करना बंद कर देते हैं)

• वे अपने “क्यों” को भूल जाते हैं

• वे Perfectionist हो जाते हैं, और हारने और सीखने की इच्छा खो देते हैं

• वे अपनी सफलता और Identity से अत्यधिक जुड़ जाते हैं

• वे Offence से Defence Mode में चले जाते हैं – और ज़्यादा हासिल करने की बजाय अब वे इसे बनाए रखने पर अपनी ऊर्जा लगाते हैं 

• वे Consistently खुद और अन्यों से Feedback प्राप्त करने में Busy हो जाते हैं, और Genuine Feedback लेने पर ध्यान नहीं लगाते। 

• वे यह नहीं सीख पाते कि उन्हें दूसरों के साथ अच्छे से काम कैसे करना चाहिए

• वे यही सोचते हैं कि उनका तरीका “सही” तरीका है

• उनको दूसरों पर विश्वास नहीं होता जिससे कि वे Collaboration के साथ काम कर सकें।

अगर आप व्यक्तिगत सुख और समृद्धि का जीवन चाहते हैं तो आपको यह Blog आगे पढ़ने की जरूरत नहीं है।

लेकिन, अगर आप अधिक Growth, Relationships और High Contribution करना चाहते हैं तो चलिए देखते है कि दूसरा परिवर्तन कैसे काम करता है।

दूसरा बदलाव : संदर्भ की शक्ति (The Power Of Context)

“तालमेल (Synergy) उसे कहते हैं जब एक और एक मिलकर दस बनते हैं, सौ या हजार बनते हैं। यह वह परिणाम होता है जब दो या दो से अधिक व्यक्ति अपने Old School Ideas को पार करके एक महान चुनौती का सामना करने का Decision लेते हैं।“ – Stephen R.Convey

Rayan Holiday अपनी किताब, “Ego Is Enemy” में, कहते हैं कि कई सफल लोग “छात्र बनना बंद कर देते हैं”।

जब आप एक छात्र होते हैं, तो आप Actively चाहते हैं कि कोई आपको कोई गलत साबित करे। आप गलत साबित होना चाहते हैं और आपको Feedback चाहिए होता है। आपका सीखने पर ध्यान होता है न कि इस बात पर कि दूसरे लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं।

इसके अलावा, एक बार जब आप पहले बदलाव के दौरान ज़रूरी Confidence & Skills सीख जाते हैं, तो आपको यह एहसास होने लगता है कि आप यहां तक सिर्फ खुद की वजह से ही आए थे। “The Lone Ranger” Mentality पुरानी और Overrated हो गई है।

शायद आप खुद के दम पर अपनी जिंदगी में कुछ अच्छा करने में सफल हों, मगर आप सही और अच्छे लोगो की मदद से अपने जीवन को और बेहतर बना सकते हैं। Stephen R. अपनी किताब “The 7 Habits Of Highly Effective People” में Same बात को Explain करते हैं। आपकी पहली कुछ Habits आपको पहले मानसिक बदलाव या जिसे Covey “Private Victory” भी कहते हैं, का अनुभव करने में मदद करती हैं।

Covey ने इस Private Victory हासिल करने के लिए जिन आदतों का ज़िक्र किया है वे हैं : 

• सक्रिय होना

• दिमाग में अंत के साथ शुरुआत करना 

• प्राथमिकता वाली बातें पहले करना 


जब आप एक बार इन आदतों में महारत हासिल कर लेते हैं तो आप दूसरों पर निर्भर होने के बजाय Independece के Stage में चले जाते हैं - यही पहला मानसिक बदलाव (Mental Shift) है।

हालांकि, Covey की किताब की यह तीन आदतें आपको स्वतंत्रता से परे एक ऐसे Stage में ले जाती है जहाँ आप अपने जीवन के सभी Areas में तालमेल बना पाते हैं। जिसे मैं दूसरा मानसिक बदलाव कह रहा हूँ, Covey उसको “Public Victory” कहते हैं।

Covey ने इस Public Victory हासिल करने के लिए जिन आदतों का ज़िक्र किया है वे हैं :

• Win - Win Situation का सोचें

• पहले समझने का प्रयास करें... फिर समझाने का

• तालमेल कायम रखें 


मैं कई ऐसे “सफल” लोगों को जानता हूँ जिनमे ये तीन आदतें नहीं दिखती। समझने की कोशिश करने की बजाय, उनकी प्राथमिकता सिर्फ समझाने की होती है। दूसरों के साथ तालमेल बनाने के बजाय, वे केवल “अपने तरीके से” काम करते हैं और दूसरों को नीचा दिखाते हैं। वो Team में रहकर काम नहीं करते। उन्हें सिखाया नहीं जा सकता। उन्होंने ऐसे Relationships नहीं बनाएं हैं जिससे सभी का भला हो सके। असल में उन्हें दूसरों के प्रति कम परवाह होती है।

कहा जाता है कि 21वीं सदी महिलाओं का समय है, क्योंकि प्राकृतिक रूप से, महिलाओं में वो गुण होते हैं जो आज की Global & Team Driven Economy में सफल होने के लिए ज़रूरी हैं। औसतन, महिलाएँ बेहतर Team Player और Collaborators होती हैं। दूसरी ओर, पुरुष अहंकारी और Self Obsessed होते हैं। पुरुष अक्सर Famous होने की इच्छा रखते हैं जबकि महिलाएँ सहयोग और विकास करना चाहती हैं।

दूसरे बदलाव को Experience करने के बाद जो आपकी मानसिकता होती है, उसके निम्नलिखित Core Components होते हैं:

10 गुना सोच (10x Thinking)

“जब आप 10x Stick अपने पास रखते हैं तो आप ये देख सकते हैं कि कैसे वो सब Bypass करना है जिसे हर कोई कर रहा है।” – Dan Sulivan

“सफल” बनने के लिए आपको अपने जीवन और विकल्पों (Choices) के लिए Personal Responsibility लेनी पड़ती है। स्वाभाविक रूप से, यह सामान्य से परे है, क्योंकि सामान्य होना यह मानना होता है कि आप जिम्मेदारी नहीं लेते हैं।

हालांकि, 10x सोचना सिर्फ जिम्मेदारी लेने से कहीं अधिक है। यह कुछ ऐसा Big Vision है जिसमे दूसरों को भी जिम्मेदारी लेनी पड़ती है। इसके अलावा, 10x Thinking में साहस और Creativity बहुत अधिक होती है।

10x Thinking आपको 1 लाख डॉलर कमाने के लक्ष्य से 10 लाख डॉलर कमाने के लक्ष्य तक ले जाती है। या, 100 लोगों की मदद करने के लक्ष्य से 1000 लोगों की मदद करने के लक्ष्य तक। या, 10,000 Page Views के लक्ष्य से 1,00,000 Page Views के लक्ष्य तक।

जब आप ऐसा करते हैं, आपकी Strategy तुरंत बदल जाती है।

अपनी किताब “Tools Of Titans” में, Tim Ferriss बताते हैं कि 10x Thinking बेतुके प्रश्न पूछकर आ सकती है, जैसे कि Billionaire Peter Thiel खुद से पूछते हैं: अगर आपके पास कहीं पहुंचने के लिए 10 साल का Plan तैयार है, तो आपको पूछना चाहिए :  मैं इसे 6 महीनों में क्यों नहीं कर सकता?

इसी प्रकार के Questions के बारे में Ferris और लिखते हैं :

“समझाने के लिए, मैं Thiel के सवाल को एक अलग अंदाज़ में रखता हूँ : ‘आप अपने 10 साल के लक्ष्यों को अगले 6 महीनों में पूरा करने के लिए क्या कर सकते हैं, अगर आपके सिर पर बंदूक तान रखी हो? अब ज़रा रुकिए। क्या मैं आपसे इस पर 10 Second विचार करने का और फिर सिर्फ कुछ महीनों में ही अगले 10 सालों के Goals को पूरा करने की उम्मीद कर रहा हूँ? नहीं, बिलकुल नहीं। लेकिन मैं उम्मीद करता हूँ कि यह प्रश्न आपके Brain को काम पर लगा देगा, जैसे कि एक तितली जो नई Capabilities हासिल करने के लिए अपने छोटे शरीर से बड़े शरीर में तब्दील होती है।’ एक Normal System जो आपके पास है, वो Social Rules जिनसे आप जुड़े हुए हैं या Standard Frameworks जो आप पर थोप दिए गए हैं - इन सबके बारे में नहीं सोचा जाता जब आप Thiel जैसे प्रश्न करते हैं। आपको मानवनिर्मित बाधाओं को छोड़ना होता है, जिस प्रकार एक सांप अपनी त्वचा को छोड़ता है, इससे आप समझ सकेंगे कि आपके पास अपनी Reality पर ध्यान करने की पूरी क्षमता है।”

अगर आप बड़ा सोचना चाहते हैं, तो बेहतर (और ज्यादा बेतुके) प्रश्न पूछें।

मैंने एक बार खुद से पूछा था कि मैं कैसे एक Blog Post लिख सकता हूँ जिसे दस लाख Social Shares मिले। उसके परिणामस्वरूप मेरे पास एक 10,000 शब्दों का एक Blog था जो मैंने कभी नहीं लिखा था।

इस प्रकार के प्रश्न Creative Breakthrough और Different Ideas की ओर ले जाते हैं। इससे एक बहुत ही अलग Approach भी देखने को मिलती है।

आपको आपकी सीमित और पारंपरिक सोच को तोड़ने के लिए कौन सा बेतुका प्रश्न पूछना चाहिए?

Assign करें (Delegate)

“अपनी प्रतिभा (Genius) को छोड़कर सब कुछ Delegate कर दें।“ – Dan Sulivan

जब आप 10 गुना ज़्यादा सोचने लगते हैं, तो आपको एहसास होता है कि आप सब कुछ खुद नहीं कर सकते। आपको बहुत अधिक ध्यान देने की ज़रूरत होती है।

इसीलिए, आपको अपनी एक टीम बनाना ज़रूरी हो जाता है। आपका Network ही आपकी Networth है।

जितनी जल्दी आप अपनी टीम बनाते हैं, उतने ही Fast, Wide और अच्छे परिणाम भी आते हैं। लगभग हर मामले में, टीम बनाने के लिए आप खुद को तैयार महसूस नहीं करेंगे।

टीम बनाने का क्या मतलब है, इस बारे में किसी भी प्रकार के पुराने विचारों में न फंसे। इसका मतलब ये कतई नहीं है कि आपको लोगों को Hire ही करना है। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि आप किसी से Favour ले रहे हैं या आपकी उनके साथ एक Win-Win Relationship है – जैसे मेरी Literary Agent, Editor और दोस्त के साथ जो समय पड़ने पर मेरी मदद करते हैं और मैं उनकी मदद करता हूँ। इसे ही Win-Win Relationship कहते हैं।

ये Mutually Beneficial Relationship है जिसमे आप अपने Super Powers पर फोकस करते हैं और जो लोग आपके साथ हैं वो अपनी Power पर फोकस करते हैं।

जीवन के सभी क्षेत्रों (Areas) में सहयोग और तालमेल  

“अकेले हम इतना कुछ नहीं कर सकते; मिलकर हम बहुत कुछ कर सकते हैं.” – Helen Keller

एक मिनट के लिए अपने जीवन को समझने का प्रयास करें। 

जब आप Gym जाते हैं, क्या आपके साथ Workout Partner होता है? Survey बताते हैं कि अधिकतर लोग अकेले Workout करना पसंद करते हैं। हालांकि, अगर आपको अपने Partner के साथ Workout करके कुछ फायदा हुआ हो तो अकेले Workout का Idea आपके लिए Applicable नहीं होता।

Michael Jordan के अनुसार, “Talent से Games को जीता जाता है, लेकिन Teamwork और Intelligence से Championships जीती जाती हैं।“

Darwanian के लफ़्ज़ों में, अधिकांश लोग अपने Level के लोगों से ही Compete करते हैं। लेकिन वे लोग जो तेज़ी से Grow करना चाहते हैं, उन लोग से Compete करते है जो उनसे बहुत आगे होते हैं, जिसे Josh Waitzkin “Investing in Failure” का नाम देते हैं। सिद्धांत यही कहता है कि आगे बढ़ने के लिए आप उनके साथ Collaborate करें जो आपके Level से कहीं ज़्यादा ऊपर हैं।

उदाहरण के लिए, अगर आप बहुत जल्दी Strong बनना चाहते हैं तो उन लोगों के साथ Workout करें जो बेहतर Shape में हैं। अगर आप बेहतरीन काम करना चाहते हैं, तो उन लोगों के साथ काम करें जो आपसे अधिक Talented हैं। अगर आप एक बेहतर व्यक्ति बनना चाहते हैं, तो किसी ऐसे के साथ Date या शादी करें जो “आपसे बेहतर” है।

यह बात सही है कि अगर यह एक सच्चा Collaboration है तो इसके लिए आपको खुद ज़्यादा योगदान देना होगा। यह कोई सामाजिक आलस्य (Social Loafing) नहीं है। इसमें Intensive Growth शामिल है, और इसलिए, यह Win-Win और तालमेल के साथ होना चाहिए।

जैसे अमेरिका के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक, Andrew Carnegie ने बताया है, “Teamwork सबसे ज़्यादा बेहतर होता है अगर हर व्यक्ति दूसरों की मदद करे, इससे टीम के बीच तालमेल बढ़ता है; बेहतर Condition तो यह होगी जब हर व्यक्ति Team की Efficiency बढ़ाने के लिए और एकता (Unity) लाने के लिए अलग-अलग Skills के साथ काम करे।” 

एक और Billionaire Richard Barson ने भी कहा, “अपनी खुद की Business Team बनाएं। Business Game में टिके रहने के लिए यह Skills के तालमेल की ज़रूरत होती है।”

आप जो भी काम करते हैं उसमे तालमेल और सहयोग होना ज़रूरी है। हालाँकि ऐसे भी काम होते हैं जिन्हें केवल आप ही करते हैं। लेकिन, वह काम आपके अन्य कार्यों के साथ जुड़ा होना चाहिए जो एक Bigger Result की ओर ले जाये।

पहले और दूसरे बदलाव के बीच एक बड़ा अंतर यह है कि आपके पास खुद के अलावा दूसरों की ज़िम्मेदारी भी होती है। क्योंकि दूसरे लोग आप पर निर्भर रहते हैं और आप अपनी Team के लिए Responsible हैं।

ये दूसरे लोग आपके Customer, Fans, Family या Workout Partners हो सकते हैं। चाहे कोई भी। मुद्दा यह है कि आप दूसरों की सफलता के लिए जिम्मेदार हैं। और काफी हद तक, उनकी सफलता आपकी सफलता है। उनकी Growth और Development आपकी Growth and Development की तरह ही Satisfying है – या कभी-कभी आपसे से भी अधिक।

आराम करो और Recover हो

“10x Goals और Game Plan के साथ काम करने के लिए आपका दिमाग Relaxed, शांत और तरोताजा (Rejuvenated) होना चाहिए।” : Den Sullivan

Deep, Creative और Strategic Thinking बहुत थका देने वाली होती है। दूसरे बदलाव का एक Important Component है “कम, लेकिन बेहतर” करना। पहले बदलाव में हम Quantity पर फोकस करते हैं जबकि दूसरे बदलाव में पूरा ध्यान Quality पर होता है।

पहले बदलाव का अनुभव करने के लिए आपको अक्सर एक Board पर केवल कुछ तीर (Dart) फेंकने होते हैं। शुरुआत में, सिर्फ एक Dart ही जीत का एहसास करा देता है। धीरे-धीरे उनमें से कुछ Darts बोर्ड पर लगने लगते हैं और Attention हासिल करने लगते हैं। हालांकि, एक बार जब आप दूसरा बदलाव कर लेते हैं तो आप World-Class लोगों में शामिल हो जाते हैं। अब सिर्फ Board पर Dart मारना काफ़ी नहीं है बल्कि, अब Consistently आपको Bulls-Eye पर Hit करना होता है।

Conservation, Rest And Recovery बहुत तेज़ी से Important होती जा रही है। यह सभी ऊपर के Levels के लिए सच है। उदाहरण के लिए, Professional Athletes Rest करने में अपना काफी समय बिताते हैं। Roger Federer और Lebron James भी कह चुके हैं कि वे हर रोज़ औसतन 12 घंटे सोते हैं।

इसी तरह, Muscles और Strength बढ़ाने के लिए, कई लोग कम Workout करते हैं, और Recovery के लिए अपने शरीर को अधिक आराम देते हैं। लेकिन, Workout के दौरान, उन्हें खुद को बहुत ज़्यादा Push करने की आवश्यकता होती है। कम, लेकिन बेहतर। यही बात Mental और Strategic Work पर भी Apply होती है।

Recovery शरीर को आराम देने से कहीं बढ़कर है। यह “Connection” से पूरी तरह Unplugged होने की तरह है। उदाहरण के लिए, हाल ही की एक Study में पता लगा है कि लगातार Smartphone का Use लोगों को काम (और जीवन) से सही ढंग से Recover करने से रोक देता है। हम यह कह सकते हैं कि लोग हमेशा Distracted और Connect होने के लिए तैयार रहते हैं। वे कभी Disconnect नहीं होते। लोग अपने Smartphone को हमेशा अपने पास रखते हैं।

एक Research की गई जिसमें पाया गया कि एक Group जो अपने Smartphones को लेकर ज्यादा सचेत (Conscious) थे और समय-समय पर उचित Break लेते रहे, उन्होंने अपने काम से Psychological Detachment का अनुभव किया (जो की Recovery और Engagement के लिए ज़रूरी है).

सारांश (Take Away) : अपने Smartphone और Internet के उपयोग की एक सीमा तय करें। जब संभव हो अपने Smart Phone को अपने से दूर रखें। अगर यह आपके करीब है, तो आप Unconsciously इसका उपयोग कर सकतें हैं। जब आप अपने काम से घर आएं, तो उसे अपनी Car में रखें। या उसे अलग कमरे में किसी Drawer में रखें। खुद को आराम और Recover होने का समय दें ताकि आप अपनी Life में ज़रूरी कार्यों में अच्छे से Engage हो सकें। अगर आप सही में दूसरा बदलाव चाहते हैं, तो यह करना बहुत ज़रूरी है।

निष्कर्ष (Conclusion)

ये मानसिक बदलाव अद्भुत हैं।

आप अपनी Journey में जिस भी मुकाम पर हैं, आप अलग-अलग Levels पर अपने सिद्धांतो की समझ को और बेहतर बना सकते हैं।

कभी भी छात्र बनना बंद न करें। कभी भी सीखना बंद न करें।

आपका जो भी आदर्श है उसे खत्म करें और एक नया आदर्श बनाएं। जब आप चीजों को देखने के अपने तरीके को बदलते हैं, तो दिखने वाली चीजें भी बदल जाती हैं।

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